इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस के जितने भी मामले सामने आते हैं उनमें से लगभग 50% इंदौर के होते हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान इसे संकट की शुरुआत बता चुके हैं। कलेक्टर मनीष सिंह भी प्रतिबंध लगाने का बयान दे चुके हैं लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। हालात यह हैं कि जहां सबसे ज्यादा संक्रमण (महालक्ष्मी नगर) पाया गया है वहीं पर मेला लगा कर भीड़ जमा की जा रही है।
इंदौर की हॉटस्पॉट कॉलोनी महालक्ष्मी नगर के A-सेक्टर क्षेत्र में 35 से ज्यादा नागरिक कोरोनावायरस से संक्रमित हैं। इसके बावजूद इस इलाके में ऐसी कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिसके कारण लोग सावधान हो जाएं। बैरिकेडिंग तो बड़ी बात है, होम आइसोलेशन वाले घरों के बाहर स्टीकर तक नहीं लगाया। इस इलाके में वर्क इन डिस्टेंस पर मेला लगा हुआ है जिसमें भीड़ जमा हो रही है। प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए कोई सरकारी कर्मचारी तैनात नहीं है।
सनद रहे कि गृहमंत्री और इंदौर के प्रभारी मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा मान चुके हैं कि इंदौर में विस्फोटक स्थिति है। उन्होंने कहा है कि इंदौर में मिलने वाले केस में आधे डेल्टा तो आधे ओमिक्रॉन के हैं। डेल्टा वैरिएंट वही है जिसने दूसरी लहर के समय डॉक्टरों को इलाज का मौका तक नहीं दिया था। श्मशान घाट में चिताएं रखने के लिए जगह नहीं थी।
वर्तमान में इंदौर में 550 एक्टिव केस हैं। लसूड़िया इलाके की महालक्ष्मी नगर कॉलोनी में ज्यादा मरीज हैं। महालक्ष्मी नगर कॉलोनी में 8 सेक्टर हैं। 48 घंटे में ही यहां 12 नए संक्रमित मिले हैं। इनमें एक परिवार के 6 लोग शामिल हैं। 6 दूसरे लोग हैं। कॉलोनी के पास ही मेला लगा है। हजारों की भीड़ जुट रही है। हमने मेले में आए कुछ लोगों से बात की। उन्हें पता तक नहीं था कि वे हॉटस्पॉट इलाके में खड़े हैं। इलाके में कोरोना खतरनाक तरीके से फैल चुका है।