आदरणीय महोदय जी, सादर नमस्कार, मप्र के विधालयों मे शिक्षकों की भर्ती 2011 की परीक्षा के बाद 2013 मे हुई थी उसके बाद 2018 की परीक्षा पास करने वाले अभ्यार्थी कई आंदोलन व प्रदर्शन के बाद बमुश्किल 2021 मे नियुक्ति प्राप्त कर पायें है।
शिक्षा विभाग मे हजारों शिक्षक पद रिक्त पड़े है उसके बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग मे नाम मात्र पदों पर भर्ती की गई है शिवराज जी के 2013 मे सरकार बनाने के बाद से ही चाहे कांग्रेस की बीच मे आई सरकार हो या वर्तमान भाजपा सरकार म.प्र मे शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। संविदाकर्मियों के नियमितिकरण की झूठी घोषणा शिवराज जी ने की। वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को अपने झूठे वचनपत्र मे शामिल किया था। आज वर्षों से पीईबी परीक्षा से चयनित अभ्यार्थी संविदा पदों पर सेवा दे रहे है परंतु उनका भविष्य अनिश्चित है।
फिर से कुछ दिनों पूर्व शिवराज जी ने अतिथि शिक्षकों को विभागीय परीक्षा देने को तैयार रहने की झूठी घोषणा की है। इसके पहले भी वे 2013 मे रायसेन मे इनके संबंध मे झूठी घोषणा कर चुके है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जी ने भी जल्द खुशखबरी मिलने की बात अतिथिशिक्षकों के संबंध मे की है।
यदि सरकार सच मे इनके संबंध मे कुछ करना चाहती है तो वर्षों से सेवा दे रहे पीईबी परीक्षा पास अतिथिशिक्षकों को जो डीएड, बीएड डिग्री धारी है 5-10 वर्ष की सेवा के आधार पर नियमित करके उनके भविष्य को संवारने का काम करे क्योंकि 14 वर्षों मे जितना शोषण इनका हुआ है मप्र के इतिहास मे आज तक शिक्षा विभाग से जुड़े किसी स्थाई या अस्थाई कर्मचारी का नही हुआ है।
हर राज्य अतिथिशिक्षकों के विषय मे गंभीर है परंतु म.प्र मे सिंधियाजी, शिवराजजी, दिग्विजयजी, नरोत्तमजी, वीडी शर्माजी, कमलनाथ जी सभी की घोषणा झूठ का पुलिंदा साबित हुई है। सादर धन्यवाद, आशीष बिलथरिया, उदयपुरा जिला रायसेन मप्र