शक्ति रावत। क्या इंसान खुद को खुश रखना सिखा सकता है। या फिर उसका खुश रहना परिस्थितियों पर निर्भर है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक रिसर्च के अनुसार, आप खुद को खुश रखना सीख सकते हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि जब आप अपने सकारात्मक अनुभवों से जुड़ी भावनाओं को मन में सक्रिय करते हैं, तो वर्तमान में भी वैसा ही महसूस करने लगते हैं। खुद को इस प्रक्रिया में ढालने के लिए आपको हील मेथड का इस्तेमाल करना होता है। इस तरीके से आप आपने अंदर खुश रहने की आदत को विकसित कर सकते हैं। यूरोपीय देशों में कोविडकाल के दौरान हील मैथड का उपयोग काफी बढ़ा है।
1- हील मेथड क्या है, इसका अर्थ क्या होता है
हिंदी में हील का मतलब घाव भरना होता है। जब आप पुराने सकारात्मक अनुभवों को याद करते हैं, तब आप उनसे जुड़ी भावनाओं का एहसास फिर से करते हैं। ये भावनाएं आपको दूसरे अच्छे अनुभवों की याद दिलाती हैं, जिससे आपकी खुशी और बढ़ जाती है। इस प्रक्रिया के जरिये आप वर्तमान में भी पहले की तरह खुश रह सकते हैं। साथ ही, जीवन से जुड़े पुराने घावों को भरने की कोशिश कर सकते हैं।
2- हील मेथड के चार चरण
वैज्ञानिक शोधों के मुताबिक हील मेथड के कुल चार स्टेप हैं, इसके तहत।
1-खुशी महसूस करना - आप एक सकारात्मक अनुभव शारीरिक या मानसिक रूप से कर सकते हैं। जैसे कि अपने परिवार से जुड़ी अच्छी यादें ताजा करना।
2- भावनाओं पर ध्यान दें - रिसर्च के अनुसार, किसी अनुभव से जुड़ी खुशी को लंबे समय तक महसूस करने के लिए अपनी भावनाओं पर फोकस करना चाहिए। उस अनुभव से जुड़े हर पहलू के बारे में सोचें। जो चीज आपको सबसे ज्यादा खुश करती है, उसे बार-बार सोचें।
3- यादों को जीएं- अपनी मेमोरी में उस अनुभव के लिए एक अलग जगह बना लें। जब भी दिमाग में नकारात्मक याल आएं, इन यादों को फि र से जीएं।
4- पॉजिटिव को नेगेटिव से जोड़ें- जीवन के ऐसे बहुत.से अनुभव होते हैं जिनके साथ नकारात्मक भावनाएं जुड़ी होती हैं। जब ऐसी यादें आपके दिमाग में दोबारा आती हैंए तब आप उनमें भी कुछ सकारात्मक ढूंढे। उदाहरण. किसी करीबी से झगड़ा होने पर उस व्यक्ति की अच्छी आदतों के बारे में सोचने से आपका मन शांत होगा।