जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स यूनियन की उस याचिका पर अपना फैसला सुना दिया है जिसमें कोरोनावायरस की तीसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश के करीब 1000 कॉलेजों में ऑफलाइन परीक्षा का आयोजन को चुनौती दी गई थी।
मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार को जवाब प्रस्तुत करने के लिए 24 घंटे का समय दिया था। मंगलवार को सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने हाई कोर्ट को बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से नई सूचना जारी की गई है। व्यवस्था की गई है कि परीक्षा कक्षा में क्षमता से 50% विद्यार्थियों को बिठाया जाएगा। कोरोना पाजिटिव पाए जाने पर विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी। विद्यार्थी को परीक्षा के दिन ही आवेदन पत्र के साथ कोरोना रिपोर्ट संबंधित कालेज में जमा करना होगा या दूरभाष पर सूचित करना होगा।
सरकार के जवाब को रिकार्ड पर लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरूषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने कहा कि इससे कोविड प्रभावित विद्यार्थियों को एक और मौका मिलेगा। कोर्ट ने जवाब को संतोषजनक पाते हुए याचिका का पटाक्षेप कर दिया। यानी सुनिश्चित हो गया कि परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.