जबलपुर। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने प्रदेश में संचालित सभी प्रकार के न्यायालयों (तहसील कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक) में वर्चुअल सुनवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। यह प्रक्रिया दिनांक 10 जनवरी 2022 से शुरू हो जाएगी। हाईकोर्ट ने विकल्प दिया है कि यदि संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है तो फिजिकल सुनवाई भी की जा सकती है।
कुछ सप्ताह पहले ही मध्यप्रदेश के न्यायालयों में वर्चुअल सुनवाई बंद करके, सामान्य फिजिकल सुनवाई की प्रक्रिया शुरू की गई थी लेकिन कोरोनावायरस की तीसरी लहर में बहुत तेजी से संक्रमण फैल रहा है। वकीलों के अलावा जज और न्यायालयों के कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं। इस स्थिति के चलते मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा ने मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरवी मलिमठ को पत्र लिखा था।
चीफ जस्टिस ने बुलाई थी वर्चुअल बैठक
स्टेट बार काउंसिल के पत्र को संज्ञान में लेते हुए चीफ जस्टिस ने वर्चुअल बैठक बुलाई। इसमें मप्र स्टेट बार काउंसिल की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष मृगेंद्र सिंह, अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा, प्रवक्ता राधेलाल गुप्ता, कार्यकारिणी समिति उपाध्यक्ष अहादुल्ला उस्मानी सहित जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर के हाईकोर्ट बार और प्रदेश के जिला अधिवक्ता संघों के पदाधिकारी उपस्थित हुए।
मध्य प्रदेश की सभी कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई का आदेश जारी
सभी लोगों का अभिमत सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने जबलपुर मुख्य खंडपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर बेंच और सभी निचली अदालतों में 10 जनवरी से वर्चुअल सुनवाई का आदेश जारी किया। वकीलों के पास वर्चुअल सुनवाई की सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट संसाधन उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा फिजिकल सुनवाई भी होती रहेगी।