जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश के शासकीय / अशासकीय / निगम बोर्ड / अनुदान प्राप्त संस्थाओं के कर्मचारियों की पूर्ण पेंशन की अर्हता 33 वर्ष की जगह 25 वर्ष करने की मांग की है। वर्तमान स्थिति में पूर्ण पेंशन की पात्रता 33 वर्ष की सेवा अवधि के पश्चात् है जबकि भारत शासन एवं अन्य राज्यों में 25 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरान्त पेंशन पात्रता है।
प्रायः यह देखने में आ जा रहा है कि अधिकांश कर्मचारी शासकीय सेवा में विलम्ब से नियुक्ति मिलने पर वह पूर्ण सेवा अवधि 33 वर्ष नहीं कर पाते। प्रायः अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर्मचारियों की सेवा अवधि 33 वर्ष नहीं हो पाती, उससे कर्मचारियों को काफी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। वहीं पूर्ण पेंशन प्राप्त न होने के कारण गंभीर बीमारी की स्थिति में भी कर्मचारी व्हीआरएस का लाभ नहीं लेते हैं।
वर्तमान समय में कर्मचारियों के ऊपर शासकीय दायित्वों का दबाव अत्याधिक होने के कारण गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं, जिससे उनकी असामयिक मृत्यु हो रही है। इस दौरान परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण आश्रित सदस्यों को जीवन यापन करना कठिन हो जाता है।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, ब्रजेश मिश्रा, वीरेन्द्र चंदेल आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से ईमेल कर मांग की है कि राज्य शासन के कर्मचारियों को 25 वर्ष सेवा उपरांत ही पूर्ण पेंशन की गणना की जाये। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.