भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जल्द से जल्द कर्मचारी आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी-कर्मचारियों की टालने, फाइल लटकाने और आलस भरी मानसिकता बदलने की जरूरत है। सीएम शिवराज सिंह चौहान सामान्य प्रशासन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभागीय जांच की अधिकतम समय सीमा तय करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कर्मचारियों में नैतिक उन्नयन के साथ ही कौशल उन्नयन और सेल्फ लर्निंग की प्रवृत्ति विकसित करना आवश्यक है। इसके लिए आनंद मंत्रालय के अल्पविराम कार्यक्रम के साथ अधिकारी-कर्मचारियों के प्रशिक्षण के साथ प्रेरणास्पद गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मंत्रालय में कार्य-क्षमता बढ़ाने के लिए निरीक्षण की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। मंत्री सहित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव स्तर के अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का आवश्यक रूप से निरीक्षण करें। साथ ही राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारी भी जिलों और विकास खंड का दौरा करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिलों में पदस्थ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दौरों की राज्य स्तर से मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।
जिला स्तरीय अधिकारियों के दौरे का रिकॉर्ड रखें: सीएम शिवराज सिंह
जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा किए जा रहे दौरों का रिकॉर्ड निश्चित समय-सीमा में सामान्य प्रशासन विभाग को प्राप्त हो और उनका ऑनलाइन सुपरविजन हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है। दौरा डायरी के डिजिटल स्वरूप का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कर्मचारी आयोग का गठन तत्काल किए जाने के निर्देश दिए।
विभागीय जांच की अधिकतम समय सीमा तय करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभागीय जाँच की अधिकतम समय-सीमा तय की जाए। विभागीय जाँचों में हो रहे विलंब को रोकने के लिए आईटी का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि शासकीय कार्य केलिए शासकीय ई-मेल का ही उपयोग हो। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.