जबलपुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ अध्यापक प्रकोष्ठ द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अध्यापक संवर्ग तथा नवीन अंशदायी पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आने वाले प्रदेश के लगभग 5 लाख से अधिक कर्मचारियों को नवीन अंशदायी पेंशन योजना में संबंधित लोक सेवक का अंशदान 10 प्रतिशत एवं शासन का अंशदान 14 प्रतिशत जमा किया जा रहा है।
जबकि केन्द्र सरकार द्वारा अपने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के कर्मचारियों को 14 प्रतिशत का शासकीय अंशदान कई वर्ष पूर्व से ही दिया जा रहा है। सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना स्वीकृत करने से बचने के लिए प्रदेश के एनपीएस धारी कर्मचारियों / अध्यापकों को 4 प्रतिशन अंशदन बढ़ोत्तरी का झुनझुना पकड़ाया गया था। एक ही कार्य पर लगे लोक सेवकों को अलग-अलग पेंशन क्यों दी जा रही है समझ से परे है।
एक दिन के लिए चुने गये माननीय विधायकों / सांसदों को पुरानी पेंशन के तहत लाभ प्रदान किये जा रहे है जबकि 35 से 40 वर्ष शासकीय कार्य निष्ठा व ईमानदारी से करने वाले लोक सेवकों से यह दोहरा मापदण्ड क्यों ? सरकार द्वारा OPS (पुरानी पेंशन योजना) चालू न किये जाने से कर्मचारियों में भारी आकोश व्याप्त है। जब एक राष्ट्र एक सविधान का सिद्धांत लागू है तो एक राष्ट्र में दो अलग-अलग पेंशन योजनायें क्यों ?
संघ के मुकेश सिंह , आलोक अग्निहोत्री , सुनील राय , अजय सिंह ठाकुर , तरूण पंचौली , मनीष चौबे , नितिन अग्रवाल , गगन चौबे , श्यामनारायण तिवारी , प्रणव साहू , राकेश उपाध्याय , मनोज सेन , राकेश दुबे , गणेश उपाध्याय , धीरेन्द्र सोनी , मो . तारिक , प्रियांशु शुक्ला , मनीष लोहिया , सुदेश पाण्डेय , मनीष शुक्ला , राकेश पाण्डेय विनय नामदेव , देवदत्त शुक्ला , सोनल दुबे , ब्रजेश गोस्वामी , विजय कोष्टी , अब्दुल्ला चिस्ती , पवन ताम्रकार , संजय श्रीवास्तव , आदित्य दीक्षित , संतोष कावेरिया , जय प्रकाश गुप्ता , आनंद रैकवार , वीरेन्द्र धुर्वे , मनोज पाठकर , सतीश पटेल आदि ने माननीय मुख्यमंत्री जी से मॉग की है कि नवीन अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर सभी लोक सेवकों के लिए एक समान पुरानी पेंशन योजना लागू की जावें। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.