भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया है कि स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए पोर्टल बनाया जाए। बैठक में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग में लोक शिक्षण संचालनालय और शिक्षकों के बीच चोर सिपाही जैसा खेल चलता रहता है। शिक्षक हमेशा दावा करते हैं कि लोक शिक्षण संचालनालय में उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के पास स्कूल शिक्षा का कोई अनुभव नहीं होता, इसके बावजूद वह स्कूल शिक्षा के लिए नीतियां बनाते हैं। जिसके कारण मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा चौपट हो गई है।
मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग, एक अकेला ऐसा डिपार्टमेंट है जो कभी एक साथ दिखाई नहीं देता। राजधानी से लेकर गांव के स्कूल तक अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच पॉलिटिक्स चलती रहती है। कोई एक कॉमन मिनिमम एजेंडा नहीं है जिस पर शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारी एक मत हो जाते हो। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.