भोपाल। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) के तहत नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक, सेगांव ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर रुखड़ूलाल पगारे को विशेष पीसी एक्ट न्यायालय मंडलेश्वर जिला खरगोन द्वारा 4 साल जेल की सजा सुनाई गई है।
नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक, सेगांव ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर रुखड़ूलाल पगारे के खिलाफ न्यायालय प्रथम अपर सत्र/ विशेष पीसी एक्ट न्यायालय मंडलेश्वर जिला खरगोन के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। आरोप लगाया गया था कि लोकायुक्त पुलिस के इंस्पेक्टर युवराज सिंह चौहान ने रुखड़ूलाल पगारे को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ₹100000 का लोन स्वीकृत किया।
लोन की रकम अदा करने के बदले हितग्राही से रिश्वत मांग रहे थे। ₹20000 की अंतिम किस्त जारी करने के बदले 3000 रुपए की रिश्वत मांगी थी। इंस्पेक्टर चौहान ने दावा किया कि योजनाबद्ध तरीके से हितग्राही को ₹1000 रिश्वत देने के लिए भेजा गया और जब ब्रांच मैनेजर रुखड़ूलाल पगारे ने रिश्वत की रकम प्राप्त की तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
न्यायालय ने सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद रुखड़ूलाल पगारे शाखा प्रबंधक नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक सेगांव को धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 5000 रुपए का अर्थदंड और धारा 13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 10000 रुपए का अर्थदंड से दंडित किया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें