भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस ने एक 22 साल की हंसती खेलती लड़की को मार डाला। 8 दिन तक शरीर में छुपकर अपनी ताकत बढ़ाता रहा और फिर अचानक हमला किया। डॉक्टरों के इलाज के लिए 48 घंटे का वक्त तक नहीं दिया। वेरिएंट कौन सा है यह तो महीने भर बाद पता चल पाएगा परंतु सावधान हो जाने की जरूरत है।
यह लड़की मध्य प्रदेश के सागर जिले की रहने वाली थी। परिवार वाले बताते हैं कि 10 दिन से उसकी तबीयत नरम-गरम थी। सर्दी और बुखार से पीड़ित थी। मौसम के कारण सर्दी और बुखार आम बात है इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं दिया। घर पर जो सामान्य दवाइयां होती है उसी का सेवन करती रही। 8 दिन बात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज लाया गया। डॉक्टर, बीमारी को समझकर इलाज कर पाते इससे पहले उसकी मौत हो गई। उसका कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव है। डॉक्टरों का कहना है कि युवती की मौत कोविड निमोनिया कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट के कारण भी है।
यानी वायरस 10 दिन पहले शरीर में घुस गया था। 8 दिन तक उसने शरीर के भीतर अपनी संख्या बढ़ाई और शक्तिशाली होता चला गया। जब वायरस लड़की की इम्युनिटी पावर से ज्यादा ताकतवर हो गया तब उसने हमला किया और एक ही झटके में लड़की को मार दिया।
कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट क्या होता है
कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट को सामान्य बोलचाल की भाषा में कार्डियक अरेस्ट भी कह देते हैं। इसे हिंदी में पूर्णहृदरोध भी कहते हैं। मेडिकल साइंस में सर्कुलेटरी अरेस्ट भी कहा जाता है। cardiopulmonary arrest का मतलब होता है हृदय की गति का अचानक रुक जाना। इस प्रक्रिया के दौरान हृदय को सिकुड़ने और फैलने का मौका नहीं मिलता। हार्ट पंपिंग नहीं कर पाता। इसके कारण शरीर में रक्त संचार रुक जाता है, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिससे सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है और मृत्यु हो जाती है।
यदि समय पर पता चल जाए तो कुछ अच्छे डॉक्टर मरीजों की जान बचा लेते हैं परंतु समय पर पता चलना और अच्छे डॉक्टर का मिलना दोनों ही आसान नहीं है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें