मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वचन निभाने के लिए पटवारी के अकाउंट से जारी हुआ ₹50000 का चेक एवं कलेक्टर आर उमा माहेश्वरी का झूठ सुर्खियों में आ गया है।
किस्सा मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले का है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ओला पीड़ित किसानों से मिलने के लिए गए थे। इसी दौरान उन्होंने बजवान गाँव में एक बूढ़ी महिला को गले से लगा लिया। महिला राजकुंअर बाई फूट-फूट कर रोने लगी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वृद्ध महिला को तत्काल 50,000 रुपए आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए।
आर उमा माहेश्वरी आईएएस एवं कलेक्टर अशोकनगर ने मुख्यमंत्री के वचन को पूरा करने के लिए तत्काल अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया। रात चढ़ने से मुंगावली तहसीलदार दिनेश सांवले ने महिला को 50,000 रुपए का चेक दे दिया। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन जब स्थानीय पत्रकारों ने ध्यान से देखा तो महिला को मिला हुआ चेक किसी शासकीय बैंक अकाउंट का नहीं था, बल्कि जितेंद्र शर्मा के नाम का था।
जानकारी जुटाई तो पता चला कि जितेंद्र शर्मा राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। सवाल उठना शुरू हुए तो दूसरे दिन वृद्ध महिला से जितेंद्र शर्मा का चेक वापस लेकर रेड क्रॉस का चेक दे दिया गया। इसके बाद कलेक्टर आर उमा माहेश्वरी ने दावा किया कि हितग्राही महिला को रेड क्रॉस का ही चेक दिया गया है। अब सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हो रहे हैं जिसमें महिला के हाथ में जितेंद्र शर्मा के नाम का चेक दिखाई दे रहा है।
कानून की नजर में सही, गलत जो भी हो। लोकायुक्त के पास इस तरह के मामलों की जांच करने का अधिकार हो या ना हो परंतु मामला सुर्खियों में है और कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पटवारी के बैंक खाते का चेक क्यों दिलवाया गया, दूसरा सवाल है कि कलेक्टर को झूठ बोलने की क्या जरूरत थी। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.