जबलपुर। मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड सहित अन्य के नाम नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है एवं वक्फ बोर्ड के आदेश को प्रथम दृश्य मनमानी मानते हुए उसके पालन पर रोक लगा दी है। मामला एक निजी मस्जिद से बेदखली का है। बोर्ड उसे अपनी संपत्ति बता रहा है।
न्यायमूर्ति विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता रीवा निवासी हाजी मोहम्मद अली की ओर से अधिवक्ता शीतला प्रसाद त्रिपाठी व सुशील त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की निजी संपत्ति मस्जिद के संबंध में वक्फ बोर्ड ने मनमाना निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता के पूर्वजों या उसने मस्जिद वक्फ को दान या समर्पित नहीं की।
इसके बावजूद वक्फ ने उसे अपनी संपत्ति बनाकर एक कमेटी गठित कर एसडीएम, नजूल अधिकारी, रीवा के जरिये बेदखल करने की कोशिश की। बहस के दौरान साफ किया गया कि संबंधित मस्जिद याचिकाकर्ता के बाबा अब्दुल मन्नान के नाम दर्ज है। इसीलिए इसे मन्नान मस्जिद के नाम से जाना जाता है।
बाबा ने मृत्यु से पूर्व अपने पुत्र अनवारुल हक के नाम देखरेख की वसीयत की और पिता ने मृत्यु से पूर्व याचिकाकर्ता के नाम वसीयत की। इसके दस्तावेज उपलब्ध हैं। इसके बावजूद बोर्ड मनमानी कर रहा है। दूसरे की संपत्ति को बोर्ड की संपत्ति बनाने पर उतारू है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.