भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पिछले सप्ताह चर्चा का प्रमुख केंद्र बने रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने के लिए उन्हें धरना देना पड़ा। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि ऐसा क्या हो गया था जो तमाशा खड़ा हो गया और दिग्विजय सिंह को सड़कों पर उतरना पड़ा।
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और राजनीति के सामान्य शिष्टाचार के अनुसार मुख्यमंत्री से समय मिलने में उन्हें कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। ऐसा भी नहीं है कि शिवराज सिंह और दिग्विजय सिंह के बीच कोई कट्टर दुश्मनी चल रही है। कुछ पुराने प्रसंग बताते हैं कि व्यक्तिगत रूप से शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का काफी सम्मान करते हैं। इसके बावजूद जो कुछ हुआ उससे दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान हुआ है।
दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में कांग्रेस के मुखिया नहीं है
चर्चा है कि इस पूरे प्रसंग में दिग्विजय सिंह ने एक बड़ी गलती की थी। भले ही दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं परंतु फिलहाल मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में उनके पास कोई महत्वपूर्ण पद नहीं है। कमलनाथ, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। इस नाते मुख्यमंत्री से मिलने का अधिकार केवल कमलनाथ के पास सुरक्षित है। दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ की जानकारी और मंजूरी के बिना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने का प्रयास किया।
कमलनाथ के बिना कांग्रेस में कुछ नहीं हो सकता
कांग्रेस पार्टी की परंपरा के अनुसार यह गलत बात थी। कहा जा रहा है कि इसी कारण दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री कार्यालय से अपॉइंटमेंट मिलने के बाद कैंसिल कर दिया गया। डरने वाले दिन दिग्विजय सिंह ने स्वयं कमलनाथ से कहा था कि 'अब मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आपके थ्रू समय माँगू।' दूसरे दिन जब मुख्यमंत्री ने मिलने का समय दिया तब भी कमलनाथ मौजूद थे। यानी, एक मैसेज बहुत क्लियर कर दिया गया है और वह यह है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के अंदर कमलनाथ की मर्जी के बिना कोई कुछ नहीं कर सकता। दिग्विजय सिंह भी नहीं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.
यानी @ChouhanShivraj के खिलाफ़ आन्दोलन करने से पहले @INCMP के मुखिया @OfficeOfKNath से पूछा भी नहीं @digvijaya_28 ने. क्या इसी वज़ह से उनका मज़ाक बना दिया शिवराज/कमलनाथ ने मिलकर @JM_Scindia @LokendraParasar @Ramesh_Mendola @rameshwar4111 pic.twitter.com/dVaDKAXKqf
— Pravin Dubey (@pravindubey121) January 24, 2022