मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में एक डॉक्टर फैमिली का हाई वोल्टेज ड्रामा अब पूरे प्रदेश की सुर्खियों में आता जा रहा है। अस्पताल बनाने के लिए उनका सरकारी आवास खाली करवाया तो इतने नाराज हो गए कि मंदिर में जाकर रहने लगे।
किराए का मकान नहीं लिया, हनुमान मंदिर में रह रहे हैं
कहानी मुंगावली के सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर योगेंद्र सिंह और उनकी पत्नी डॉ नीलिमा सिंह की है। SDM राहुल गुप्ता ने बताया कि हॉस्पिटल के लिए उस जमीन की जरूरत थी जहां पर डॉक्टर योगेंद्र सिंह का सरकारी आवास था। हमने नियम अनुसार पूरा समय देते हुए उन्हें अपने सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया। डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने सरकारी आवास खाली नहीं किया तब उन्हें बेदखली का नोटिस दिया गया।
परिवार सहित हनुमान मंदिर में रह रहे डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने बताया कि जब उन्हें नोटिस मिला था तो उन्होंने कलेक्टर से मिलकर दूसरा आवाज देने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। डॉक्टर योगेंद्र सिंह, सरकारी आवास के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने देवास गए, लेकिन अधिकारियों ने मिलने नहीं दिया। डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को फोन लगाया परंतु फोन रिसीव नहीं किया गया। सारे सिस्टम से नाराज डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने अपने घर का सामान हनुमान मंदिर में रख लिया है।
एसडीएम राहुल गुप्ता का कहना है कि सभी डॉक्टरों को देने के लिए सरकारी आवास उपलब्ध नहीं है। जब सरकारी आवास था तो डॉक्टर योगेंद्र सिंह को दिया गया। जिस प्रकार दूसरे डॉक्टर रहे हैं उसी प्रकार डॉक्टर योगेंद्र सिंह भी रह सकते हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.