भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में भर्ती घोटाला प्रमाणित हो चुका है। नौकरी बचाने के लिए अधिकारियों ने 35 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दीं एवं उन्हें अब तक दिए वेतन भत्तों की वसूली के आदेश दिए हैं। हालांकि यह भ्रष्टाचार का मामला है और इसमें आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाकर नियुक्ति देने वाले अधिकारी और नियुक्ति प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को जेल भेजा जाना चाहिए।
सर्वदलीय संघर्ष समिति दतिया ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य योजनाओं के संबंध में फर्जी नियुक्ति की शिकायत लोकायुक्त मध्यप्रदेश से की थी। लोकायुक्त ने जब इस मामले में प्रकरण पंजीबद्ध करके इन्वेस्टिगेशन शुरू की तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने 119 आरोपियों में से 13 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी और 22 कर्मचारियों की सेवाएं शून्य घोषित कर दी गईं।
कुल मिलाकर विभागीय कार्रवाई करके अधिकारियों ने ना केवल खुद को बचा लिया बल्कि भ्रष्टाचार जैसा आपराधिक षडयंत्र करने वाले कर्मचारियों को भी जेल जाने से बचा लिया। मामला लोकायुक्त मध्यप्रदेश में पंजीबद्ध है। देखना यह है कि भर्ती घोटाले में अभियोजन की कार्रवाई शुरू होती है या नहीं और यदि होती है तो कितने जिम्मेदारों इलाज और कब। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.