Concept Of Progressive Education
पहले के समय में बच्चे के दिमाग को एक खाली स्लेट (Tabula Rasa) या खाली बर्तन (Empty Vessel) की तरह माना जाता था और शिक्षक का काम होता था कि वह ज्ञान को बच्चे के दिमाग में भरता जाए परंतु प्रगतिशील शिक्षा के आने से बच्चे के बारे में सोच बदली इसके अनुसार बच्चे जिज्ञासु होते हैं और वे सीखने की क्षमता के साथ पैदा होते हैं।
जैसे- किसी बीज को जब मिट्टी में बोया जाता है तो उसमें से पौधा निकलने की क्षमता तो उसमें मौजूद होती है परंतु उसे उचित मिट्टी, हवा, पानी देकर पोषित किया जाता है। इसी तरह बच्चे भी एक छोटे पौधे (Little plant और Sapling) की तरह होते हैं जिन्हें उचित वातावरण देकर उन्हें फलने-फूलने के अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। यही शिक्षा का उद्देश्य होना चाहिये।
जॉन डीवी प्रगतिशील शिक्षा के जनक / John Dewey father of Progressive Education
जॉन डीवी (John Dewey) जिन्हें की प्रगतिशील शिक्षा का जनक कहा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के एक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक थे। इन्होंने करके सीखने (Learning By Doing) के सिद्धांत पर काम किया और शिकागो (Chicago) में लैब स्कूल की स्थापना की। उन्होंने ही शिक्षा की, शिक्षक केंद्रित अवधारणा (Teacher Centered Concept) को बाल केंद्रित अवधारणा (Child Centered Concept) की ओर अग्रसर किया।
फ्रेडरिक फ्रोबेल का किंडरगार्टन / Friedrich Frobel' s Kindergarten
इसके बाद फ्रेडरिक फ्रोबेल (Friedrich Frobel) ने जर्मनी में किंडरगार्टन (Kindergarten) यानी "बच्चों का बगीचे" नाम के स्कूल खोले। जहां बच्चों को एक "नन्हे पौधे" या Little Plant की तरह से फलने फूलने के अवसर दिए जाते थे। इन्होंने खेल के माध्यम से बच्चों को सिखाने पर जोर दिया। इन्हीं के अनुसार किंडरगार्डन शिक्षकों को बाल विकास की सभी अवस्थाओं के बारे के बारे में ज्ञान होना आवश्यक है। इसीलिए टीचर्स के लिए D.Ed, B.Ed करना अनिवार्य शर्त मानी जाती है क्योंकि D.Ed, B.Ed. में बाल विकास (Child Development) एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल है।
मारिया मांटेसरी के अनुसार बच्चे का ब्रेन स्पंज की तरह है / According to Maria Montessori Child's Brain is like a Sponge
मारिया मांटेसरी (Mariya Montessori) जो कि एक इटालियन डॉक्टर एवं शिक्षाविद थीं, उनके अनुसार" कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं सिखा सकता"
"No Human being is Educated by Another Person" इन्होंने बच्चों की तुलना एक फोम (Sponge) से की।
जैसे स्पंज अपने आसपास के पानी या धूल मिट्टी को सोख लेता है। ठीक उसी तरह बच्चों का मस्तिष्क या ब्रेन भी भी अपने आसपास के वातावरण से इनफॉरमेशंस को सोख लेता है। इन्होंने हाथ(Hand) को बच्चे का मुख्य शिक्षक बताया।
प्रगतिशील शिक्षा के प्रकार / Types Of Progressive Education
1) मांटेसरी शिक्षा (Montessori Education) -
इस शिक्षा प्रणाली की नींव डॉक्टर मारिया मोंटेसरी द्वारा रखी गई। जिसमें कि विश्लेषण और पर्यवेक्षण पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने बताया कि बच्चे स्वयं ही सीखते हैं, शिक्षक केवल सीखने की प्रक्रिया बताते हैं तथा बच्चों के लिए स्वस्थ वातावरण का निर्माण करते हैं।
2) मानवतावादी शिक्षा (Humanistic Education) -
मानवतावादी शिक्षा सामाजिक अंतर क्रिया के माध्यम से सीखने पर जोर देती है इस तरीके की शिक्षा का केंद्र बिंदु कला एवं सामाजिक विज्ञान होता है यह बच्चों में आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) एवं तार्किक कौशल (Reasoning Skill) विकसित करती है।
3) संरचनावादी शिक्षा (Structuristic Education) -
यह शिक्षा बच्चों की विकास की अवस्थाओं पर आधारित होती है। यह बच्चों के सृजनात्मकता (Creativity)पर आधारित होती है। इसमें अधिगम तकनीक (Learning Technique) और प्रायोगिक अधिगम (Experimental Learning) के माध्यम से करके सीखने पर जोर दिया जाता है। मध्य प्रदेश प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के इंपोर्टेंट नोट्स के लिए कृपया mp tet varg 3 notes in hindi पर क्लिक करें.