ग्वालियर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती के खिलाफ दाखिल की गई रिट पिटिशन को खारिज कर दिया है। रिट पिटिशन एकल पीठ के डिसीजन के खिलाफ युगल पीठ में दाखिल की गई थी। युगल पीठ ने कहा कि एकल पीठ द्वारा दिया गया फैसला सही है।
मध्य प्रदेश में 576 पद भरे जाने थे। इन पदों के लिए 27 सितंबर को MPPSC- M.P. Public Service Commission साक्षात्कार करने जा रहा था। इससे पहले हाईकोर्ट में एक याचिका के कारण स्थगन आदेश जारी हो गया था। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच की एकल पीठ ने स्थगन आदेश को खारिज कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ डा राघवेंद्र सिंह ने युगल पीठ में रिट पिटिशन दायर की थी।
पत्रकार श्री बलवीर सिंह की रिपोर्ट के अनुसार अपील में एकल पीठ द्वारा 13 दिसंबर 2021 को दिए आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस याचिका में प्रतिवादी से जवाब आना जरूरी था, लेकिन जवाब नहीं लिया गया। स्टे को खारिज कर दिया। प्रतिवादियों से जवाब लिया जाए। चिकित्सा अधिकारी का पद राजपत्रित है। द्वितीय श्रेणी का अधिकारी है। इस तरह के पद को साक्षात्कार के माध्यम से नहीं भरा जा सकता है। साक्षात्कार में पक्षपात की संभावना अधिक है। पदों को भरने के लिए लिखित टेस्ट लिया जाना चाहिए, उस मेरिट के आधार पर आवेदकाें का चयन कर साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना चाहिए। पीएससी ने साक्षात्कार के माध्यम से पद भर रही है। यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी है।
MPPSC- मेडिकल ऑफिसर भर्ती प्रक्रिया क्या थी
- 14 जून 2021 को चिकित्सा अधिकारी के पद भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था। 576 पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे गए थे। जो आवेदन आएंगे, उनकी छटनी एमबीबीएस के अंक के आधार पर की जाएगी।
- एमबीबीएस में नंबर कम होने पर 807 आवेदकाें को साक्षात्कार के लिए अयोग्य बताते हुए बाहर कर दिया। जिन्हें बाहर किया गया, उनमें से कुछ आवेदकाें ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें