इंदौर। प्रदेश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट, श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) के स्टूडेंट द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक कार सुर्खियों में है। यह कार मात्र 1 महीने में बनकर तैयार हुई है। 2 लोग आराम से यात्रा कर सकते हैं। 30 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड देती है और 150 किलो वजन उठा सकती है।
कार बनाने की टीम में शामिल अक्षत सिन्हा का कहना है कि कार की अधिकतम गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। कार में 750 वाट की लिथियम बैटरी लगाई गई है। इसमें डीसी मोटर लगाई है जिसकी सहायता से 150 किलो तक का सामान खींचा जा सकता है। इनोवेशन की बात करें तो कार में शार्ट सर्किट के कारण आग न लगे, इसके लिए एक विशेष सर्किट बनाया गया है। इसके तहत कार की वायरिंग में फाल्ट हो जाता है तो सर्किट के कारण आग नहीं लग पाएगी।
अक्षत ने बताया कि कार में दो सवारी बैठ सकेगी और एक बार बैटरी को चार्ज करने पर चार से पांच घंटे इस कार को चलाया जा सकता है। अभी कार को ट्रायल के तौर पर परिसर में चलाकर देखा जा रहा है। संस्थान के निदेशक डा. राकेश सक्सेना का कहना है कि खास बात यह है कि कार में सभी सुरक्षा पैमानों का ध्यान में रखा गया है। परिसर का माहौल बेहतर बनाए रखने के लिए यह भी कोशिश की जा रही है कि कम से कम वाहनों को अंदर तक आने दिया जाए। इसमें इलेक्ट्रिक कार महत्वपूर्ण रहेगी।
एक सप्ताह में इसका ट्रायल लेकर इसका उद्घाटन कर देंगे। कार बनाने वाली टीम में अमनदीप सिंह, वंशिका त्रिपाठी, जागृति बोरिले, तनिषा अग्रवाल, श्रेष्ठा चंद्रा, अमित पालीवाल, आयुष गुप्ता, कल्पिश चौधरी, देव्यांश मंगल और संस्थान के प्रो. रवि जटोला ने सहयोग दिया है। सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.