इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने आईटी ब्रांच लेकर बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त नहीं की। भारत सरकार की प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम अटेंड करके एक आठवीं पास युवक भी सॉफ्टवेयर डेवलपर बन सकता है। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भारत के लगभग सभी शहरों में इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम या तो चल रहे हैं या फिर शुरू होने वाले हैं।
आठवीं ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स के लिए सरकारी स्वरोजगार योजना
इस योजना के तहत किसी एक सरकारी भवन को चिन्हित किया जाता है और इसके बारे में स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना दी जाती है। स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम में आईटी/आईटीएस के तहत जूनियर साफ्टवेयर डेवलपर का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण विद्यालय से ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स (स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों) को दिया जाता है।
आवेदक की की उम्र 15 से 29 वर्ष के बीच होना आवश्यक है। प्रशिक्षण की अवधि 6 माह होती है एवं प्रशिक्षण पूरी तरह नि:शुल्क होता है। इस दौरान विशेषज्ञों द्वारा ना केवल सॉफ्टवेयर डेवलप करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि स्टूडेंट्स के डाउट्स भी क्लियर किए जाते हैं। यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि किस युवक में किस प्रकार की क्षमताएं हैं और उसी के अनुसार उसे करियर गाइडेंस भी दिया जाता है। उच्च शिक्षा, सरकारी और प्राइवेट नौकरी एवं करियर से जुड़ी खबरों और अपडेट के लिए कृपया MP Career News पर क्लिक करें.