भोपाल। भोपाल का अमरूद इंदौर-ग्वालियर का आलू, जबलपुर की हरी मटर और उज्जैन- विदिशा की प्याज अब जरूरतमंदों के कारोबार-रोजगार का जरिया बनेंगे. गौरतलब है की आत्मनिर्भर भारत योजना के मद्देनजर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएम स्कीम) लॉन्च की है.
PMFM SCHEME- एक जिला- एक उत्पाद स्कीम
केंद्र सरकार द्वारा इस स्कीम को एक जिला- एक उत्पाद नाम दिया गया है. इसका मतलब यह है कि जिस जिले में जो उत्पाद सबसे ज्यादा होता है, उससे जुड़े प्रोडक्ट(जैसे- जैम, अचार) बनाने के लिए सरकार द्वारा लोन दिया जाएगा. इसके लिए हर जिले में सर्वे करने के बाद वहां हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट से रिपोर्ट बुलाई गई थी. इसके तहत मध्य प्रदेश के 52 जिलों को उत्पाद के नाम से चिन्हित किया गया है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. इसका लाभ छोटे व्यापारियों, एक किसान, किसान के संगठन, स्व सहायता समूह, सहकारी समितियों सहित उन लोगों को मिलेगा जिनके पास छोटी मोटी मशीनें स्थापित करने के लिए थोड़ी बहुत जमीन उपलब्ध है.
सीनियर हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर रघुवंशी ने बताया कि इस योजना में तय प्रावधानों के तहत जो लोग लोन लेना चाहेंगे उन्हें रिसोर्स पर्सन के तौर पर नियुक्त किए गए चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा फ्री में प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना कर रिपोर्ट दी जाएगी. रिसोर्स पर्सन की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित व्यक्ति की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बैंक में पेश करके उन्हें लोन दिलायें. जीएस रघुवंशी ने बताया कि फल अनुसंधान ईटखेड़ी भोपाल के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉक्टर आरके जायसवाल को योजना के तहत MT (Master Trainer) नियुक्त किया गया है. मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.