नई दिल्ली। The University Grants Commission (UGC) ने एक आदेश जारी करते हुए भारत की सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को कहा है कि प्रशासनिक प्रक्रिया के दौरान स्टूडेंट्स के डिजिटल डॉक्यूमेंट स्वीकार किए जाएं। उन्हें ओरिजिनल अथवा हार्ड कॉपी डाक्यूमेंट्स जमा करने के लिए फोर्स नहीं कर सकते।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिनांक 3 जनवरी 2022 को सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन के हस्ताक्षर से जारी आदेश (जो दिनांक 7 जनवरी 2022 को प्रेस को उपलब्ध कराया गया) में बताया कि The information technology act 2000 के अनुसार NAD- national academic depository के डिजिटल लॉकर में मौजूद दस्तावेजों को सभी प्रकार की मान्यता दी गई है।
यूजीसी ने बताया कि NAD- नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी अकैडमी अवॉर्ड्स (डिग्री एवं मार्कशीट आदि) का ऑनलाइन स्टोर हाउस है। इसमें मौजूद दस्तावेज वेरीफाइड एवं सभी प्रकार से सुरक्षित हैं। बिना किसी भी स्थिति में अस्वीकार नहीं किया जा सकता। यदि कोई ऐसा करता है तो वह इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट का उल्लंघन करता है।