नई दिल्ली। पिछली बार प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड अकाउंट पर टैक्स लगाया गया था। आगामी वित्तीय वर्ष से भारत के सभी सरकारी कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड पर भी टैक्स निर्धारित कर दिया गया है। लिमिट सेट की गई है। शासकीय कर्मचारी 1 साल में अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट में अधिकतम ₹500000 तक जमा कर सकता है।
नए आदेश के मुताबिक पांच लाख रुपए से ऊपर जीपीएफ कटवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के ब्याज पर टैक्स लगेगा। सरकार ने इनकम टैक्स (25 संशोधन) नियम 2021 लागू कर दिया है। इससे जीपीएफ में अधिकतम टैक्स मुफ्त योगदान की सीमा 5 लाख लागू हो गई है। अगर इसके ऊपर कर्मचारी ने कटौती कराई तो ब्याज आय को इनकम माना जाएगा।
टैक्स फ्री ब्याज आय का लाभ
सरकार ने बजट 2021 में टैक्स फ्री ब्याज आय का फायदा उठाने के लिए टैक्स फ्री वार्षिक पीएफ योगदान को 2.5 लाख रुपए तक सीमित कर दिया था। लेकिन बाद में सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी। यह सीमा उन कर्मचारियों के लिए थीं, जिनके नियोक्ता योगदान नहीं करते हैं। इससे सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला।
सरकार ने दी राहत
केंद्र सरकार ने सामान्य भविष्य निधि में योगदान के लिए राहत दी थी। ऐसी सुविधा उन सरकारी कर्मचारियों के लिए है। जहां नियोक्ता द्वारा योगदान नहीं किया जाता। बजट 2022 से पहले यह खबर सामने आई थी कि सरकार प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी के टैक्स फ्री पीएफ की सीमा को एकसमान कर सकती है। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.