420 तो अपन सब जानते हैं। किसी भी व्यक्ति को 420 इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसका व्यवहार ठगी और धोखाधड़ी वाला होता है। आईपीसी में इसके लिए धारा 420 का प्रावधान है। बोलचाल की भाषा में 'वह तो 420 है' कहकर समझदार लोगों को सावधान रहने का संकेत दिया जाता है, लेकिन प्रश्न यह है कि कुछ लोगों को 10 नंबरी क्यों कहा जाता है। क्या इसके पीछे भी कोई संकेत है। आइए समझते हैं:-
यह एक ऐसी जानकारी है जिसके बारे में सिर्फ बुद्धिमान और ज्ञानवान लोगों को ही पता होता है। भोपाल समाचार डॉट कॉम के नियमित पाठक निश्चित रूप से स्पेशल हैं, इसीलिए वह संकेतों को समझ पाते हैं। दरअसल, पुलिस थानों में अपराध और अपराधियों के संदर्भ में कई प्रकार के रजिस्टर मेंटेन किए जाते हैं। पुलिस कर्मचारी भी अपनी तमाम गतिविधियों की जानकारी एक रजिस्टर में लिखते हैं जिसका नाम 'रोजनामचा' है।
इसी प्रकार एक रजिस्टर होता है जिसे रजिस्टर नंबर 10 कहा जाता है। इस रजिस्टर में उन लोगों के नाम होते हैं जिन्हें पुलिस सर्विलांस पर लिया जाता है। यानी पुलिस, जिन लोगों की निगरानी करती रहती है। जिनके पीछे मुखबिर लगाए जाते हैं। समाज में शांति के लिए जिन की जासूसी जरूरी होती है। ऐसे लोगों के नाम 10 नंबर रजिस्टर में लिखे होते हैं। इसीलिए संकेत स्वरूप कहा जाता है कि वह तो 'दस नंबरी है'। यानी उस से सावधान रहें, वह पुलिस के सर्विलांस पर हैं। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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