शक्ति रावत। पॉजिटिव थिंकिंग यानि सकारात्मक सोच की ताकत का लोहा वैज्ञानिकों ने भी माना है। यह तो सभी जानते हैं, कि सकारात्मक सोच से बीमारियां दूर होतीं हैं, लेकिन अब ताजा शोधों ने यह भी साबित कर दिया है कि सकारात्मक सोच वाले इंसान एक लंबी जिंदगी जीते हैं। विज्ञान भी हैरत में है कि पॉजीटिव सोच और लंबी उम्र का इतना गहरा संबध है। तो आप भी इन सूत्रों के जरिये पावर ऑफ पॉजीटिव थिकिंग को आजमाकर देख सकते हैं।
1- कम उम्र से कर दें शुरुआत
जानकार कहते हैं कि अगर आप एक लंबा और सेहतमंद जीवन चाहते हैं तो कम उम्र से ही पॉजीटिव थिकिंग को अपना लेना चाहिये। इसके तहत अपने आसपास सकारात्मक सोच वाले लोगों की कमी ना होने दें। खुद को आशा से भरें और अपने जीवन में अहमियत रखने वाले लोगों को धन्यवाद देते रहे।
2- सोच मायने रखती है
आपने सुना ही होगा जैसे सोचोगे, वैसा बनोगे। साल 2018 में मिशिगन यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग ने अध्यन में पाया कि आपकी उम्र को लेकर आपकी सोच मायने रखती है। यानि अगर आप बढती उम्र को लेकर निगेटिव हैं तो आप अपनी उम्र घटा रहे हैं। इसके उलट अगर आप अपनी उम्र को लेकर पॉजीटिव सोच रखते हैं तो आपकी जीने की इच्छा बढती है। रिर्सच कहती है कि आप अगर अपनी बढती उम्र को जीवन खत्म होने या नकारात्मक बदलाव से नहीं जोडते तो आप लंबा जिएंगे।
3- 15 फीसदी तक बढ जाएगी उम्र
साल 2019 में अमेरिका की नेषनल एकेडमी ऑफ सांइस का अध्यन कहता है कि अगर आपकी सोच पॉजीटिव है तो आपकी उम्र 11 से लेकर 15 फीसदी तक बढ जाती है। रिसर्च कहती है कि खुषहाल और पॉजीटिव सोच वाले लोग 85 साल या इससे अधिक ही जीते हैं। यानि सारा खेल आपकी सोच पर निर्भर है। मतलब सोच बदलने से जीवन में बहुत कुछ बदला जा सकता है। - लेखक मोटिवेशनल एंव लाइफ मैनेजमेंट स्पीकर हैं।
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