मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शादी कार्ड की सफाई करने वाले प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को निर्देशित किया है कि शादी कार्ड में वर-वधू की उम्र भी प्रकाशित की जाए। यदि वह ऐसा नहीं करते और बाल विवाह के लिए शादी कार्ड छाप देते हैं तो उन्हें 2 साल की जेल और ₹100000 जुर्माना हो सकता है।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह आईएएस ने बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाले विवाह सम्मेलन के आयोजकों और विवाह से संबंधित सभी वर्गों को से अपील की है कि वह बाल विवाह को रोकने में सक्रिय भूमिका निभाई। कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने यह भी स्पष्ट किया है कि बाल विवाह कराने व उसमें सहयोग करने वाले व्यक्तियों को बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत दो वर्ष तक का कारावास, एक लाख रूपए तक का जुर्माना अथवा दोनों प्रकार के दण्ड दिए जाने का प्रावधान है।
बर्थ सर्टिफिकेट के बिना शादी की बुकिंग ना करें: कलेक्टर के निर्देश
सामूहिक विवाह सम्मेलन कराने वाले आयोजकों से कलेक्टर श्री सिंह ने आग्रह किया है कि वे इस आशय का शपथ पत्र महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में प्रस्तुत करें कि हम अपने सामूहिक विवाह सम्मेलन में बाल विवाह नहीं करेंगे। इसी प्रकार प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, कैटर्स, धर्मगुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड व ट्रांसपोर्ट आदि के संचालकों के अनुरोध किया गया है कि वे उम्र संबंधी प्रमाण पत्र लेने के बाद ही अपनी सेवायें प्रदान करें। विवाह पत्रिका मुद्रित करने वाली प्रिंटिंग प्रेस से भी अपील की गई है कि वे विवाह पत्रिका में वर – वधु की उम्र का स्पष्ट रूप से उल्लेख करें।
कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के नागरिकों से आग्रह किया है कि यदि उन्हें कहीं भी बाल विवाह होता मिले तो उसकी सूचना संबंधित एसडीएम, तहसीलदार व नायब तहसीलदार, थाना प्रभारी, एसडीओपी, सीएसपी, परियोजना अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को जरूर दें। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.