भोपाल। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरह राष्ट्रीय मामलों में टांग लाने की कोशिश मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री को महंगी पड़ गई। ऐसी ठोकर लगी कि 24 घंटे के भीतर अपने ही बयान से पलटना पड़ा। मुख्यमंत्री नाराज हो गए सो अलग।
मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में नरोत्तम मिश्रा एकमात्र ऐसे मंत्री हैं जो राष्ट्रीय मामलों को मध्यप्रदेश से जोड़कर बयान जारी करते हैं। कई बार व्यवस्थाएं बदल देते हैं और कानूनी कार्रवाई की घोषणा तो अक्सर करते रहते हैं। इसके चलते उन्हें पूरे भारत में लाइमलाइट मिलती है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी उनकी ट्रिक कॉपी करने की कोशिश की। कर्नाटक के हिजाब वाले मामले में बयान जारी कर दिया। नतीजा यह हुआ कि सोशल मीडिया पर जमकर धुलाई हो गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नाराजगी व्यक्त कर दी। अंततः अपने बयान से मुकरना पड़ा।
मध्य प्रदेश का माहौल अलग है, संकीर्ण मानसिकता के लिए यहां स्कोप नहीं है
मध्य प्रदेश भले ही भारत के मध्य में आता हो लेकिन मध्य प्रदेश की संस्कृति पर पड़ोसी राज्यों के क्षेत्रवाद और जातिवाद का कोई असर नहीं पड़ता। सरकार टैक्स थोप देती है, जनता उफ तक नहीं करती लेकिन यदि कोई नेता संकीर्ण मानसिकता के साथ सामने आता है तो उसे तमाशा बना कर घर भेज देती है। यहां याद दिलाना होगा कि जिन बातों को लेकर दूसरे राज्यों में बड़े मुद्दे बन जाते हैं, मध्यप्रदेश में वह मुद्दे सन 1947 की शुरुआती राजनीति में ही जीत लिए गए थे।मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.