जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षक अखिलेश चौरसिया पर ₹25000 का जुर्माना लगाया है। अखिलेश चौरसिया अपना ट्रांसफर निरस्त करवाने के लिए आए थे, लेकिन सरकारी वकील ने बताया कि शिक्षक ने अपनी याचिका में न्यायालय के सामने गलत जानकारियां प्रस्तुत की है। प्रमाणित होने पर उच्च न्यायालय ने जुर्माना ठोक दिया।
अखिलेश चौरसिया का ट्रांसफर शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय खुरई जिला सागर से शासकीय माध्यमिक विद्यालय सागर में किया गया था। ट्रांसफर आदेश 30 अगस्त 2021 को जारी किए गए थे। याचिकाकर्ता शिक्षक अखिलेश चौरसिया अपना ट्रांसफर आर्डर निरस्त कराना चाहते थे एवं मामले का निर्णय होने तक आदेश को स्थगित करवाना चाहते थे। उन्होंने दावा किया कि याचिका प्रस्तुत करने की दिनांक तक वह खुरई स्कूल में काम कर रहे थे। अतः अगस्त 2021 में जारी हुआ ट्रांसफर आर्डर, फरवरी 2022 में स्थापित करने में कोई परेशानी नहीं है।
राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता मनोज कुशवाहा ने साफ किया कि यह जानकारी असत्य हैै। ऐसा इसलिए क्योंकि याचिकाकर्ता को 31 अगस्त, 2021 को ही रिलीव कर दिया गया था। एजुकेशन पोर्टल में भी रिलीव किए जाने का स्टेटस नजर आ रहा है। यही नहीं रिलीविंग पोस्ट पर ज्वाइन न करने का तथ्य भी रेखांकित हो रहा है। स्कूल के प्राचार्य का पत्र भी उल्लेखनीय है, जिसमें साफ किया गया है कि याचिकाकर्ता तीन सितंबर, 2021 तक ही कार्य करता रहा। अटेंडेंस रजिस्टर पर याचिकाकर्ता शिक्षक के हस्ताक्षर नहीं है। हाई कोर्ट के सामने गलत जानकारी प्रमाणित हो जाने के बाद न्यायमूर्ति श्री विशाल मिश्रा ने याचिकाकर्ता शिक्षक पर ₹25000 का जुर्माना लगाया और उनकी याचिका को निरस्त कर दिया। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.