भोपाल। जिला पंचायत पन्ना में संविदा पर नियुक्त जिला समन्वयक मनेन्दु पहारिया को नौकरी में रखना है या सेवा समाप्त कर देनी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पिछले 7 साल में यह फैसला नहीं किया गया। जबकि हाईकोर्ट ने इस विवाद में 3 साल में फैसला सुना दिया था।
मनेन्दु पहारिया को कलेक्टर के आदेश पर सन 2015 में हटा दिया गया था। मनेन्दु पहारिया ने अपनी सेवा समाप्ति के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने 22 फरवरी 2018 मनेन्दु पहारिया की सेवा समाप्ति का आदेश निरस्त कर दिया एवं मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मुख्यालय को अधिकृत किया कि वह इनके विषय में विधि अनुसार निर्णय लें।
अब मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्णय लेना है कि मनेन्दु पहारिया की संविदा सेवाएं बहाल करनी है अथवा उनकी सेवाएं समाप्त कर देनी है। डिपार्टमेंट द्वारा पिछले 7 साल से यह निर्णय नहीं लिया गया है। मामला लगातार पेंडिंग चल रहा है। मनेन्दु पहारिया ने बताया कि वह लगातार पत्र व्यवहार कर रहे हैं। स्वयं भोपाल आकर भी अधिकारियों से मिल चुके हैं। अपने हाथ से आवेदन दे चुके हैं परंतु उनके मामले में डिपार्टमेंट कोई डिसीजन नहीं ले रहा है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.