मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने मध्य प्रदेश पुलिस के 300 सब इंस्पेक्टरों के प्रमोशन पर स्थगन आदेश जारी कर दिया है। गृह विभाग मंत्रालय की प्रमोशन पॉलिसी के खिलाफ आरक्षक और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से प्रमोट होकर सब इंस्पेक्टर बने पुलिस कर्मचारियों ने याचिका दाखिल की थी।
सीधी भर्ती वाले एसआई को 4 साल से पहले ही प्रमोशन गलत: याचिका में दावा
गृह विभाग मंत्रालय की पॉलिसी के अनुसार मध्य प्रदेश में 300 सीधी भर्ती वाले उप निरीक्षकों को प्रमोट किया जा रहा है लेकिन आरक्षक से लेकर असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तक के पदों पर भर्ती हुए कर्मचारियों को प्रमोट नहीं किया जा रहा। इनकी संख्या करीब 700 है। याचिकाकर्ता उपनिरीक्षकों की ओर से याचिका में कहा गया कि प्रमोट होकर उपनिरीक्षक बने अफसरों को निरीक्षक बनने के लिए महज चार साल के अनुभव की आवश्यकता है, जबकि सीधी भर्ती वालों के लिए यह नियम छह साल का है।
इंदौर हाई कोर्ट ने गृह विभाग से जवाब मांगा
इसके बावजूद इस अनिवार्यता को नजरअंदाज कर सीधी भर्ती वालों को प्रमोशन का लाभ दिया जा रहा है। शुक्रवार को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अंतरिम रोक लगा दी। साथ ही शासन को इस मामले में जवाब पेश करने के लिए कहा है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.