जबलपुर। राज्यसभा सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित वकील एवं मध्यप्रदेश में कमलनाथ के आधार स्तंभों में से एक विवेक तन्खा का कहना है कि उद्योग धंधों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण नहीं होना चाहिए। पिछले 2 दिन से उनके इस विचार पर बहस चल रही है।
आरक्षण के प्रावधान से क्षेत्रवाद बढ़ेगा: सांसद विवेक तन्खा
हरियाणा सरकार द्वारा उद्योग एवं कारखानों में स्थानीय बेरोजगारों को 75% नौकरियों का प्रावधान किया था, हाई कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार के इस प्रावधान को स्थगित कर दिया गया था, पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन हटा दिया है। इसी विषय पर सांसद विवेक तन्खा ने अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि 'इस आदेश का बहुत दूर गामी परिणाम होगा। regionalism (क्षेत्रवाद) बढ़ेगा और हर स्टेट में ऐसे announcements (घोषणाओं) की क़तार लगेगी। प्राइवेट सेक्टर की ग्रोथ पर भी प्रभाव होगा। SC के स्वयं के 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा के निर्णय के विपरीत है। बाबा साहिब अम्बेडकर इस निर्णय से खुश नहीं होते।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने भी किया था 75% का प्रावधान
यहां उल्लेख करना प्रासंगिक है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने भी उद्योग कारखानों में स्थानीय नागरिकों को 75% नौकरियां देने का प्रावधान किया था। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी के मुखिया आज भी सुप्रीम कोर्ट की 50% आरक्षण सीमा को तोड़कर पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण का, ना केवल समर्थन कर रहे हैं बल्कि 50% आरक्षण सीमा को तोड़ने के लिए स्वागत सत्कार भी स्वीकार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.