भोपाल। राज्य शिक्षा केन्द्र सहित अनेक विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग की 5 जून 2018 की नीति के अनुसार न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिये जाने की नस्ती वित्त विभाग में महीनों से लंबित है। संविदा कर्मचारी पूरी मेहनत और लगन से नियमित कर्मचारियों से ज्यादा कार्य कर हैं।
5 जून 2018 को म.प्र.सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिये एक नीति बनाई गई जिसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के न्यूनतम का 90 प्रतिशत वेतन दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिये सभी विभागों ने वित्त विभाग को अपने यहाँ कार्यरत संविदा कर्मचारियों के वेतनवृद्धि के अनुमोदन के लिये भेजी है, लेकिन वित्त विभाग ने फाईलें लंबित करके रखी हैं। जिसके के कारण संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों से आधे से भी कम वेतन प्राप्त हो रहा है। संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है।
वित्त विभाग ने बहुत सारे विभागों को 90% वेतन दिये जाने की अनुमति दे दी जैसे महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर्स, खेल युवक कल्याण विभाग, प्रशासन विभाग आदि। वहीं अनेक विभागों के फाईलें मंत्रालय के वित्त विभाग में फुटबाल की तरह इधर से उधर नाच रही हैं। वित्त विभाग के अधिकारी कोई निर्णय नहीं कर रहे हैं, जिससे राज्य शिक्षा केन्द्र सहित, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, बाल भवन, लोक निर्माण विभाग जैसे कई विभाग हैं।
वित्त विभाग से फाईल जल्दी अनुमोदन हों इस संबध में मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने म.प्र शासन के वित्त मंत्री जगदीश देवडा़ को ज्ञापन सौंपकर संविदा कर्मचारियों के वेतनवृद्धि की नस्ती अनुमोदन किये जाने की माँग की है, नहीं तो आंदोलन किये जाने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.