भोपाल। मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं पर दबाव बनाने के लिए भारी भरकम अमला नियुक्त करती हैं परंतु उपभोक्ताओं को रिश्वतखोरी और ब्लैक मेलिंग से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करतीं। कंपनी का एक और असिस्टेंट इंजीनियर उमरिया में गिरफ्तार किया गया है। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि आरोपी असिस्टेंट इंजीनियर किसान से ₹40000 की रिश्वत ले रहा था।
AE ने ट्रांसफार्मर बदलने के बदले ₹40000 मांगे थे: शिकायत
लोकायुक्त एसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि बिजली कंपनी के असिस्टेंट इंजीनियर कमलेश प्रसाद त्रिपाठी को 40 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया है। एसपी गोपाल धाकड़ ने बताया कि शिकायतकर्ता विनीत कुशवाहा पुत्र रामदीन कुशवाहा उम्र 38 वर्ष निवासी मदाइन टोला (मुगवानी) पोस्ट टिकुरी थाना इंदवार जिला उमरिया मध्य प्रदेश ने शिकायत की थी। विनीत कुशवाहा ने आरोप लगाया था कि कमलेश कुमार त्रिपाठी पिता शिवप्रसाद त्रिपाठी उम्र 55 वर्ष कनिष्ठ यंत्री मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भरेवा जिला उमरिया नेट ट्रांसफार्मर बदलने के लिए 40000 रुपये की मांग की है।
लोकायुक्त पुलिस ने घर पर छापामार कार्रवाई कर गिरफ्तार किया
शिकायत की पुष्टि के बाद गुरुवार को फरियादी विनीत कुशवाहा 40 हजार रुपये लेकर इंदवार जिला उमरिया स्थित आरोपित के किराए के मकान पर गया और वहां उसे पैसे दे दिए। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पहुंच कर दिए गए पैसे बरामद कर लिए और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार, निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार एवं 12 सदस्यीय टीम में शामिल थे।
नियम बताने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ FIR कराई जाती है
इस घटनाक्रम के बाद ग्रामीणों ने बताया कि बिजली कंपनी के अधिकारियों को रिश्वत देना उनकी मजबूरी हो गई है। यदि रिश्वत नहीं देते तो बिजली नहीं मिलती। यदि अधिकारियों से नियमानुसार बिजली की मांग करते हैं तो झूठे आरोप लगाकर FIR दर्ज करवा दी जाती है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.