भोपाल। सरकारी जेपी हॉस्पिटल के डॉक्टर तन्मय शाह, अरेरा ट्राॅमा एंड क्रिटिकल केयर अस्पताल के डॉक्टर अंकित शर्मा और नागपुर के डॉक्टर राजू देशमुख के खिलाफ हबीबगंज पुलिस थाने में FIR के बाद 50 लाख रुपए का क्लेम किया गया है। मामला एक मेडिकल स्टूडेंट का पैर काट दिए जाने का है। मेडिकल स्टूडेंट का दावा है कि सही प्रकार से इलाज नहीं करने के कारण उसका पैर काटना पड़ा।
अस्पतालों में डॉक्टर, मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं। कई मामले सामने आते हैं जब वह अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर नहीं होते। यदि मरीज बच जाता है तो डॉक्टर खुद को भगवान बताते हैं और यदि मरीज मर जाता है तो अपनी लापरवाही को भगवान की मर्जी बताते हैं। कुछ समय पहले तक लोगों को मालूम नहीं था कि डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत कहां करें लेकिन अब जनता जागरुक हो गई है। सवाल करती है और जवाब मांगने लगी है। डॉक्टर को फीस देती है इसलिए उसे भगवान मानना बंद कर दिया है।
ताजा मामला मेडिकल स्टूडेंट विकास रायकवार (23) है। वह छिंदवाड़ा से भोपाल में प्राइवेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से डीएमएलटी की पढ़ाई करने आया था। 5 जनवरी 2021 को वह बाइक फिसलने से घायल हो गया था। उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया था। जेपी के डॉक्टर ने उसे प्राइवेट अस्पताल जाने की सलाह दी। यहां उन्होंने ही उसका ऑपरेशन किया। ठीक प्रकार से इलाज नहीं करने के कारण विकास का पैर खराब हो गया। विकास की जान बचाने के लिए उसका पैर काटना पड़ा। पूरे 1 साल बाद मेडिकल स्टूडेंट में कंजूमर फोरम में डॉक्टरों के खिलाफ 5000000 रुपए मुआवजे का दावा पेश किया है। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।