भोपाल। पर्यावरण में मौजूद वायरस और प्रकृति में मौजूद नेगेटिविटी को खत्म करने के लिए बनाए जाने वाले होली का उत्सव के लिए गोबर की लकड़ियां तैयार की जा रही है। होलिका में पांच प्रकार की जलाऊ लकड़ी और गोबर एवं देसी गाय के घी को जलाने का विधान शास्त्रों में लिखा हुआ है।
भोपाल में होलिका दहन के लिए 6000 क्विंटल गोकाष्ठ
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गोकाष्ठ समिति ने इस बार भी गोशालाओं में बड़े पैमाने पर गोबर की लकड़ी (गोकाष्ठ) तैयार की जा रही है। समिति ने 10 मार्च तक छह हजार क्विंटल गोकाष्ठ तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इसे 10 रुपये प्रति किलो की दर से आम लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। गोकाष्ठ समिति के प्रवक्ता मम्तेश शर्मा ने बताया कि आगामी 17 मार्च को होने वाले होलिका दहन के लिए शहर के आसपास बनी बड़ी गोशालाओं में जाकर बड़े पैमाने पर गोकाष्ठ तैयार करवाई जा रही है। समिति के अध्यक्ष अरुण चौधरी का कहना है कि बुधवार तक उनके गोदाम में 1500 क्विंटल गोकाष्ठ जमा हो गई। 10 मार्च तक छह हजार क्विंटल का स्टाक हो जाएगा।
भोपाल में गोबर की लकड़ियों की होम डिलीवरी होगी
गोकाष्ठ समिति की हाल ही में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि होली के एक सप्ताह पहले गोकाष्ठ की बुकिंग भी की जाएगी। साथ ही परिवहन सुविधा का शुल्क जोड़कर गोकाष्ठ की घर पहुंच सेवा भी दी जाएगी। समिति के सचिव प्रमोद मोदी चुघ ने बताया कि प्रति वर्ष वन विभाग होली की लकड़ी प्रदाय करने के लिए शहर में 22 स्थानों पर अस्थाई टाल लगाता है। इन सभी केंद्रों पर समिति गोकाष्ठ भी बिक्री के लिए रखेगी। इन्हें मिलाकर करीब 40 स्थानों पर गोकाष्ठ बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी। 25 किलो गोकाष्ठ काटन के कपड़े से बने बैग में मिलेगी।
वैसे यदि होलिका दहन का आयोजन करने वाली समितियां चाहे तो अपने आसपास के गौशाला संचालकों से संपर्क कर सकती हैं। भोपाल की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया bhopal news पर क्लिक करें।