जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति मामले में अवमानना की याचिका को स्वीकार करते हुए मध्य प्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के डायरेक्टर से लेकर जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तक सब को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट का अनुकंपा नियुक्ति आदेश 3 साल तक पेंडिंग क्यों रखा
पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग के डायरेक्टर, सीईओ जिला पंचायत कटनी जगदीश चंद गोमे और सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा विनोद पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने सवाल किया है कि 3 साल पहले अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के आदेश जारी कर दिए गए थे। ऐसा क्या हुआ कि 3 साल तक हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया और इस दौरान न्यायालय को सूचित भी नहीं किया गया।
न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अवमानना याचिकाकर्ता हनुमानश्री दीक्षित की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा व रामजी चौबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अवमानना याचिकाकर्ता के पिता उमेश दीक्षित ग्राम पंचायत बाड़ बरेली में सचिव पद पर कार्यरत थे। वर्ष 2018 में एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। याचिकाकर्ता ने पंचायत विभाग के सभी अधिकारियों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया। जब कोई निर्णय नहीं लिया गया तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
हाई कोर्ट ने 26 जुलाई, 2019 में विभाग के डायरेक्टर को तीन माह ने आवेदन पर निर्णय लेने के निर्देश दिए। तीन साल तक कोई कार्रवाई नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। जबलपुर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया JABALPUR NEWS पर क्लिक करें.