कोर्ट में जब भी कोई मामाल विचारण के लिए प्रस्तुत होता है तो अभियोजन पक्ष कुछ गवाहों को प्रस्तुत करता है ताकि अपराध को प्रमाणित कर सके। गई बार गवाह, कोर्ट में बयान दर्ज कराने नहीं आते। तब किस कानून के तहत न्यायालय किसी गवाह को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कार्रवाई कर सकता है। यहां पढ़िए:
दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 230 की परिभाषा:-
• अगर कोई व्यक्ति किसी आरोप के अपराध को स्वीकार नहीं करता है तब मजिस्ट्रेट अभियोजन पक्ष के साक्षियों को परीक्षा के लिए बुलवाएगा एवं एक निश्चित तारीख देगा सुनवाई की साथ ही उन सभी तथ्यों को भी लेगा जो आरोपी को दोषी सिद्ध कर सके।
• अगर कोई साक्षी उपस्थित नहीं होता है तब उसके लिए वारण्ट भी जारी न्यायालय कर सकता है एवं उसे साक्ष्य देने से मुक्त नहीं करेगा। न्यायालय ऐसे अभियोजन पक्ष के साक्षियों की अनुपस्थिति में कानूनी कार्यवाही करने के लिए भी स्वतंत्र होगा। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665
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