जबलपुर। मध्य प्रदेश पुलिस के आरक्षक अरविंद जाटव ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने दावा किया है कि नक्सलियों से हुई एक मुठभेड़ में वह भी शामिल था। हॉकफोर्स के जवानों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया लेकिन उसे नहीं दिया गया। हाई कोर्ट ने उसकी याचिका पर DGP सहित मध्यप्रदेश शासन एवं गृह विभाग मंत्रालय के अधिकारियों से जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता बालाघाट जिले के किरणापुरा थाना की चौकी रजेगांव में पदस्थ आरक्षक अरविंद जाटव की ओर से अधिवक्ता प्रमेंद्र सेन, आचार्य योगेश तिवारी व प्रवीण सेन ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 11 दिसंबर, 2020 को पुलिस हॉकफोर्स और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक महिला नक्सली मारी गई। अगले दिन 12 दिसंबर को किरणापुरा थाना प्रभारी के साथ पुलिस की एक टीम ग्राम बोरवन जंगल रवाना हुई टीम में याचिकाकर्ता अरविंद भी शामिल था।
रात में नक्सल दलम मलाजखंड व दर्रेकसा दलम के नक्सलियों द्वारा पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया गया। उसके बाद उसी रात एक बार और मुठभेड़ हुई। याचिकाकर्ता ने 23 सितंबर, 2021 को पुलिस अधीक्षक को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत कर पुलिस रेग्युलेशन क्रमांक 70 (ख) के तहत क्रम से पूर्व पदोन्न्ति का लाभ देने की मांग की।
दलील दी गई कि मुठभेड़ में शामिल हाकफोर्स के जवानों को ये लाभ दिया गया है। जब विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। मध्यप्रदेश कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP karmchari news पर क्लिक करें.