भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में आम सहमति, बड़ा चिंता का विषय बन गया है। पुलिस डिपार्टमेंट के मुखिया (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) का नाम अब तक तय नहीं हो पाया है। जबकि UPSC को प्रस्ताव भेजने की लास्ट डेट निकल गई है।
मध्यप्रदेश में DGP का चुनाव कैसे होता है
राज्य सरकार द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के ऐसे अधिकारी जिनका अनुभव 30 वर्ष पूर्ण हो चुका हो और जिनके रिटायरमेंट में 6 महीने से अधिक का समय शेष हो, की लिस्ट संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजी जाती है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्राप्त लिस्ट का संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षण किया जाता है। यह देखा जाता है कि वह कौन से अधिकारी हैं जिनका रिकॉर्ड सबसे ज्यादा क्लीन है। ऐसे तीन अधिकारियों के नाम राज्य सरकार को वापस भेजे जाते हैं। इन तीनों में से किसी एक के नाम का चुनाव मुख्यमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद की सहमति के साथ करते हैं। इस प्रकार मध्य प्रदेश पुलिस को अपना हेड ऑफ द डिपार्टमेंट मिलता है।
DGP प्रस्ताव की लास्ट डेट कैसे निकल गई
डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया, वर्तमान डीजीपी के रिटायर होने से 3 महीने पहले शुरू हो जाती है। मध्यप्रदेश में वर्तमान बीजेपी श्री विवेक जौहरी के कार्यकाल को समाप्त होने में मात्र 1 महीने का समय बचा है। अभी तक प्रस्ताव नहीं भेजा गया, क्योंकि मंत्रिपरिषद में आम सहमति नहीं बन रही है। मुख्यमंत्री कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
मध्य प्रदेश का अगला DGP कौन होगा
मंत्रालय में जो चर्चाएं चल रही हैं उसके हिसाब से 1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री सुधीर सक्सेना एवं श्री पवन जैन का नाम सुर्खियों में है। कहा जा रहा है कि इन दोनों में से ही किसी एक का नाम फाइनल होगा, क्योंकि दोनों सीनियर आईपीएस अधिकारी सभी निर्धारित अर्हताएं पूरी करते हैं। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया mp news पर क्लिक करें.