मध्य प्रदेश के पवित्र शहर उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के अलावा एक मंदिर ऐसा भी है जहां केवल विद्यार्थी अपनी मनोकामनाएं लेकर जाते हैं, और कलम दवा चढ़ाते हैं। सभी स्टूडेंट्स की एक जैसी मनोकामनाएं होती है। प्रतियोगी परीक्षा में सफलता, परीक्षा में पास करना या फिर एग्जाम टॉप करना।
सरकारी नौकरी के प्रतियोगी परीक्षाओं के उम्मीदवार भी आते हैं
यह वाग्देवी मां का मंदिर है। जो लगभग 300 वर्ष प्राचीन बताया जाता है। स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से लेकर सरकारी नौकरी, MPPSC और UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। वाग्देवी मां को प्रसन्न करने के लिए कलम दवात अर्पित करते हैं। पीले फूलों से वाग्देवी मां का श्रृंगार करते हैं।
वाग्देवी मां कौन है
प्रकृति में रंग भरने वाली ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती का एक नाम वाग्देवी भी है। भारत के प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वाग्देवी मां, ब्रह्मस्वरूपा, कामधेनु तथा समस्त देवों की प्रतिनिधि हैं। अमित तेजस्वनी व अनंत गुणशालिनी देवी सरस्वती की पूजा-आराधना के लिए माघ मास की पंचमी तिथि निर्धारित की गयी है।
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