नई दिल्ली। Employees' Provident Fund Organisation (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ऐसे कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना तैयार कर रही है जिनका मूल वेतन ₹15000 से ज्यादा है। अब तक कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) के तहत केवल ₹15000 से कम वेतन वाले कर्मचारियों को भी अनिवार्य पेंशन के तहत संरक्षण प्रदान किया जाता था।
वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता) 15,000 रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ईपीएफओ के सदस्यों के बीच ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की गई है। इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन उत्पाद या योजना लाने के लिए सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक है।’’
पूर्व श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने दिसंबर, 2016 में लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा था, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत ‘कवरेज’ के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25,000 रुपये मासिक करने का प्रस्ताव ईपीएफओ ने पेश किया था, लेकिन इसपर कोई निर्णय नहीं हुआ।
सूत्र ने कहा कि उन लोगों के लिए एक नए पेंशन उत्पाद की आवश्यकता है जो या तो कम योगदान करने के लिए मजबूर हैं या जो इस योजना की सदस्यता नहीं ले सके हैं, क्योंकि सेवा में शामिल होने के समय उनका मासिक मूल वेतन 15,000 रुपये से अधिक था। कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया karmchari news पर क्लिक करें.