ब्रेक फेल होने के कारण एक्सीडेंट की खबरें आए दिन आती रहती हैं। कई महंगी कारों के भी ब्रेक फेल हो जाते हैं, लेकिन ट्रेन के ब्रेक कभी फेल नहीं होते। सवाल यह है कि ऐसी कौन सी टेक्नोलॉजी का यूज किया जाता है जिसके कारण ट्रेन के ब्रेक कभी फेल नहीं होते। आइए पता लगाते हैं:-
ब्रेक फेल होने का मतलब क्या होता है
ब्रेक फेल होने का मतलब होता है ब्रेकिंग सिस्टम का काम नहीं करना। यदि हम अपनी मोटरसाइकिल, स्कूटर, कार, बस या ट्रक अथवा सड़क पर चलने वाले किसी भी वाहन की बात करेंगे तो आम बोलचाल की भाषा में ब्रेक फेल होने का मतलब 'ब्रेक का नहीं लगना' माना जाता है। ड्राइवर कितनी भी कोशिश करें ब्रेक नहीं लगता। इसलिए एक्सीडेंट हो जाता है। लेकिन अपने प्रश्न के उत्तर तक पहुंचने के लिए हमें ध्यान रखना होगा कि ब्रेक फेल होने का मतलब 'ब्रेक का नहीं लगना' नहीं होता बल्कि ' ब्रेकिंग सिस्टम का फेल हो जाना' होता है।
ट्रेन के ब्रेक में टेक्नोलॉजी का चमत्कारी उपयोग
भारत की ट्रेनों में एयर ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। यह सड़क पर चलने वाले किसी भी वाहन के ब्रेकिंग सिस्टम से अलग है। इसके तहत ब्रेक सिलेंडर में हवा भर दी जाती है, जिसके कारण ब्रेक पैड, पहियों से अलग हो जाते हैं और ट्रेन आसानी से चलती रहती है। अपने वाहनों को रोकने के लिए ब्रेक लगाया जाता है लेकिन ट्रेन को रोकने के लिए ब्रेक हटा दिया जाता है (एयर प्रेशर खत्म कर दिया जाता है, हवा निकाल दी जाती है), इसके कारण ब्रेक पैड पहियों पर चिपक जाते हैं और ट्रेन रुक जाती है।
सुरक्षा की गारंटी के लिए टेक्नोलॉजी का कितना मजेदार उपयोग किया गया है। जहां दुनिया के तमाम वाहनों को रोकने के लिए ब्रेक लगाया जाता है। ट्रेन को रोकने के लिए ब्रेक हटाया जाता है। यानी कि यदि ब्रेक फेल हो जाएगा (ऐयर ब्रेकिंग सिस्टम फेल हो जाएगा) तो ट्रेन वहीं पर रुक जाएगी। ट्रेन का ब्रेकिंग सिस्टम भी खराब होता है लेकिन एक्सीडेंट नहीं होता इसलिए पब्लिक को पता नहीं चलता। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
:- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com
(general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi, general knowledge questions with answers, gk questions for kids, )