सिक्कों का उपयोग तो हम सभी करते हैं। हो सकता है अभी आपके पास कोई सिक्का हो। कृपया उसे निकाल कर देखिए। जहां पर उसके निर्माण का वर्ष (year) लिखा होता है ठीक उसके नीचे एक विशेष प्रकार का चिन्ह दिखाई देगा। प्रश्न यह है कि यह विशेष प्रकार का चिन्ह क्यों बनाया जाता है। इस संकेतक का क्या अर्थ होता है। आइए जानते हैं।
हर सिक्के पर बना होता है टकसाल का पहचान चिन्ह
यदि डायमंड बना है तो यह सिक्का मुंबई की टकसाल में तैयार हुआ है।
यदि डॉट बना है तो यह सिक्का नोएडा की टकसाल में तैयार किया गया है।
यदि स्टार बना है तो यह सिक्का हैदराबाद की टकसाल में तैयार किया गया है।
और यदि कोई निशान नहीं बना है तो यह सिक्का कोलकाता की टकसाल में तैयार किया गया है।
सिक्के बनाने वाले कारखानों को क्या कहते हैं
भारत में सिक्के बनाने के लिए 4 कारखाने स्थापित किए गए हैं। मुंबई और कोलकाता के कारखाने अंग्रेजों द्वारा स्थापित किए गए थे। हैदराबाद और नोएडा के कारखाने सबसे नए हैं। इन कारखानों को टकसाल (Mint) कहते हैं। आपके लिए एक और मजेदार जानकारी है कि सन 1885 में भारत में बनाए गए पहले एक रुपए के सिक्के की कीमत वर्तमान में 10 करोड़ रुपए हो गई है। यह सिक्का ब्रिटिश इंडिया के पास है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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