वैज्ञानिक बताते हैं कि पृथ्वी 1600 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से घूम रही है। यदि ऐसा है तो फिर जब कोई इंसान जंप करता है तब उसका जंपिंग प्वाइंट और ड्रॉप प्वाइंट चेंज क्यों नहीं हो जाता। वह इंसान उसी जगह पर आकर क्यों गिरता है जहां से उसने जंप किया होता है। आइए पता लगाते हैं।
सत्यम् चौरसिया, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग पीईएस मॉडर्न कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे बताते हैं कि अपने सवाल का जवाब अपने प्रश्न में ही छुपा हुआ है। पृथ्वी 1600 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से घूम रही है। यह स्पीड इतनी अधिक है कि इसके साथ इसके अंदर मौजूद सारी चीजें उतनी ही स्पीड से घूम रही हैं। नीचे जमीन और ऊपर आसमान के बीच में हमको जो खाली स्थान दिखता है। असल में वह रिक्त स्थान नहीं होता।
अरबों छोटे-छोटे कणों से एक घना जाल बना होता है। यदि कोई इंसान या वस्तु जमीन से आसमान की तरफ जंप करती है तो वह अरबों छोटे-छोटे कणों से बने हुए घने जाल को चीरते हुए ऊपर की तरफ जाती है। 1600 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड के कारण उस वस्तु के आगे बढ़ते ही जाल फिर से बन जाता है। यानी वह इंसान या वस्तु जंपिंग के दौरान भी उस जाल में फंसे रहते हैं और इसी अवस्था में नीचे आते हैं। इसे गुरुत्वाकर्षण का चमत्कार भी कहते हैं। यही कारण है कि आप जहां से जंप करते हैं, वहीं पर वापस आकर गिरते हैं।
हां, यदि आप पृथ्वी के ऊपर जाकर छलांग लगाएंगे तो निश्चित रूप से आप वहां पर नहीं गिरेंगे जहां से आपने जंप किया है। मजेदार बात यह है कि आप गिरेंगे ही नहीं, सारी जिंदगी पृथ्वी की परिक्रमा करते रहेंगे। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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