भारत में नई उम्र के बच्चों को प्याऊ के बारे में बताना बहुत जरूरी है क्योंकि भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से प्याऊ गायब हो गए हैं। जबकि प्याऊ, भारत की सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय कथाओं और शास्त्रों में इसके बारे में कई बार उल्लेख किया गया है।
प्याऊ क्या होता है, इसकी जरूरत क्या है
प्याऊ, एक ऐसे स्थान का नाम होता है जहां पर आम नागरिकों, विशेष रूप से यात्रियों के लिए पेयजल (पीने का पानी) निशुल्क उपलब्ध होता है। (A place built for FREE Potable Water) यहां निःशुल्क महत्वपूर्ण है। यदि पेयजल के बदले पैसा लिया जा रहा है तो उस स्थान को प्याऊ नहीं कहा जा सकता। भारत के शास्त्रों में उल्लेख है कि पुण्य अर्जित करने का यह सबसे सरल और उत्तम उपाय है। धनवान लोगों के लिए प्याऊ की स्थापना करना अनिवार्य है। भारत के छोटे शहरों में आज भी यह परंपरा जीवित है परंतु महानगरों में समाप्त हो गई है।
प्याऊ को अंग्रेजी में क्या कहते हैं, प्याऊ का पर्यायवाची शब्द क्या है
यदि कोई ऑनलाइन डिक्शनरी में तलाश करेगा तो शायद सही उत्तर नहीं मिलेगा, लेकिन यदि भारत की पुरानी अंग्रेजी भाषा की किताबों में तलाश करेंगे तो कई बार FREE WATER BOOTH लिखा दिखाई देगा। श्री प्रदीप पांडे ने बताया कि भारत के कुछ इलाकों में प्याऊ को water hut भी कहते हैं। शास्त्रों में प्याऊ का पर्यायवाची शब्द 'पोंसर' बताया गया है। आधुनिक हिंदी की आधुनिक किताबों में ना तो प्याऊ शब्द मिलता है और ना ही पोसर। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article
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