ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और ईमानदारी पर सवाल खड़ा हो गया है। नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामलों में ग्वालियर जिला न्यायालय के आंकड़े ग्वालियर पुलिस के लिए शर्मसार करने वाले हैं। 77% मामलों में पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया परंतु सजा नहीं दिलवा पाई।
सन 2021 में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के 61 मामलों में कोर्ट द्वारा फैसला सुनाए गए। इनमें से 47 मामलों (77%) में आरोपी दोषमुक्त हो गए। पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन में जिन लोगों को अपराधी बताकर कोर्ट में पेश किया था। उनके खिलाफ अपराध साबित नहीं हो पाया। 47 में से 23 मामले तो ऐसे हैं जिनमें पीड़ित लड़की ने बताया कि पुलिस ने वह बयान रिकॉर्ड ही नहीं किया जो उसने दिया था। पुलिस द्वारा गलत बयान रिकॉर्ड किए गए। कोर्ट में पुलिस साबित नहीं कर पाई कि उसने जो बयान रिकॉर्ड किए थे वह सही थी। सिर्फ एक मामले में DNA रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा हुई।
लगभग 20 मामले ऐसे हैं जिनमें पुलिस गवाहों के बयान नहीं करवा पाई। पुलिस ने केस डायरी में जो बयान दर्ज किए थे। कोर्ट में गवाहों ने वैसे बयान नहीं दिए। न्यायालय में पुलिस यह साबित करने में असफल रही कि उसने गवाहों के वही बयान दर्ज किए थे, जो गवाहों द्वारा दिए गए थे। आश्चर्यजनक बात यह है कि डिजिटल इंडिया के जमाने में पुलिस आज भी दशकों पुराने पैटर्न पर बयान दर्ज करती है और केस डायरी बनाती है। जबकि आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा सकता है। अब तो पुलिस के पास कैमरे भी हैं। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.