ग्वालियर शहर में एक लैंड मार्क है 'डफरिन सराय'। यह नाम अंग्रेजी शासन काल में भारत के गवर्नर जनरल रहे लॉर्ड डफरिन के नाम पर रखा गया है। भारत के इतिहास में डफरिन सराय का महत्वपूर्ण उल्लेख होना चाहिए। यही वह जगह है जहां पर लॉर्ड डफरिन ने 800 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को फांसी की सजा सुनाई थी। इस स्थान पर ऐतिहासिक स्मारक होना चाहिए। ताकि सनद रहे, और वक्त जरूरत काम आवे।
इतिहास में लॉर्ड डफरिन को महान गवर्नर जनरल बताया गया है
18 वीं सदी की क्रांति का इतिहास, अंग्रेजी सत्ता के दबाव में और राजाओं की मर्जी के हिसाब से लिखा गया। ग्वालियर के महाराजा सिंधिया, अंग्रेज अधिकारियों को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश करते थे। इतिहास में लॉर्ड दर्शन को एक महान गवर्नर जनरल बताया गया है, जो जनता के लिए और किसानों के लिए बड़ा संवेदनशीलता था।
डफरिन सराय जैसी महत्वपूर्ण घटना के बारे में कोई खास विवरण प्रमाणित और मान्य इतिहास की किताबों में नहीं मिलता। केवल इतना बताया गया है कि लॉर्ड डफरिन ने यहां पर कचहरी लगाई थी। जिसमें 800 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। यदि भारत का गवर्नर जनरल कचहरी लगाने के लिए आता है तो निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण घटना है। इतिहास में एक लाइन यह भी लिखी है कि लॉर्ड डफरिन ने ग्वालियर पर सिंधिया शासन की पुनर्स्थापना की थी। लॉर्ड डफरिन का कार्यकाल 1857 की क्रांति के बाद 1884 से 1888 तक रहा था। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.