ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ग्वालियर बेंच ने घरेलू हिंसा के आरोपी पति को 1 महीने तक घर जमाई बनकर रहने को कहा है। इसके बाद मामले की सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के इस अनूठे आदेश की पूरे देश में चर्चा हो रही है।
सेवा नगर निवासी गीता रजक ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। गीता का आरोप है कि ससुरालवालों ने उसे जबरन घर से निकाल दिया। उसके 2 साल के बेटे को अपने पास रख लिया। सुनवाई के दौरान मुरैना निवासी पति गणेश रजक की ओर से एडवोकेट रवि चौधरी ने कहा कि महिला अपनी इच्छा से घर छोड़कर गई थी। बच्चे को जबरन अपने पास रखने का आरोप भी निराधार है। गणेश ने कोर्ट में कहा कि वह गीता को अपने साथ रखने के लिए तैयार है।
सुनवाई के दौरान महिला ने बताया कि उसके साथ ससुराल में मारपीट की जाती है। इसी डर के कारण वह अपने ससुराल नहीं जा रही। इस पर हाईकोर्ट ने महिला के पति गणेश रजक को एक माह के लिए बेटे के साथ ससुराल में रहने का निर्देश दिया। कोर्ट ने गणेश के सास-ससुर को उसकी अच्छे से देखभाल करने का आदेश भी दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी परिवार को टूटने से बचाने के लिए परिस्थिति जाने जो भी संभव हो निर्णय लिए जाने चाहिए। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.