ग्वालियर। माधवराव सिंधिया विज्ञान महाविद्यालय (साइंस कालेज) का सीमांकन शुरू हो गया है। पाया गया है कि तीन स्कूल सहित कुल 22 प्रॉपर्टी अवैध रूप से साइंस कॉलेज की जमीन पर तान दी गई हैं। अतिक्रमण के एक मामले में तो खुलासा हुआ है कि प्राचार्य ने राजीनामा करके सरकारी कॉलेज की जमीन का विवाद निपटा दिया था। जबकि प्राचार्य को राजीनामा करने का अधिकार ही नहीं है।
साइंस कालेज के पूर्व छात्र पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ल, भगवान सिंह यादव, ध्यानेंद्र सिंह, पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी, पूर्व रजिस्ट्रार जेयू डा. धीरेंद्र सिंह चंदेल, पूर्व आइएएस अखलेंदु अरजरिया आदि ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को कालेज की जमीन का सीमांकन करने के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद कलेक्टर की ओर से टीम का गठन किया गया, जिसमें चार राजस्व निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव, संजय अगरैया, रामकिशोर शर्मा और महेश ओझा सहित तीन पटवारियों को शामिल किया गया है। इस राजस्व टीम ने शुक्रवार से सीमांकन की कार्रवाई शुरू की, जिसमें तीन सर्वे नंबर 1163,1336 और 1337 शामिल हैं। मौके पर पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ल भी पहुंचे।
राजस्व अमले ने बताया कि साइंस कालेज की जमीन 74 बीघा और छह बिस्वा में है। उसमें ECS बैगलेस स्कूल, सेवन आइ स्कूल और रामश्री किडस सहित 22 संपत्ति शामिल हैं। रामश्री किडस का 80 फीसद हिस्सा साइंस कालेज की जमीन पर है, साथ ही कुल 13 संपत्ति ऐसी हैं, जो पूरी-पूरी कालेज की जमीन पर बनी हैं। यह जनहित गृह निर्माण समिति ने बसाईं थीं।
साइंस कॉलेज का एक प्राचार्य भी जांच की जद में
अतिक्रमण के मामले में साइंस कॉलेज का एक प्राचार्य भी जांच की जद में आ गया है। 2017 में जब सीमांकन हुआ तब जनहित गृह निर्माण समिति द्वारा कोर्ट में सीमांकन को चुनौती दी गई थी। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य ने राजीनामा कर लिया था। जबकि कॉलेज के प्राचार्य को राजीनामा करने का अधिकार ही नहीं है। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.