ग्वालियर। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गौराघाट से लांच के बीच बनाई गई रोड की जांच के आदेश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर भोपाल को इस मामले का इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर अप्वॉइंट किया है।
मुकेश रावत ने हाईकोर्ट में एक पब्लिक लिटिगेशन पिटिशन फाइल की है। उनके एडवोकेट केके श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट में दावा किया है कि गौराघाट से लांच के बीच बनाई गई रोड ना केवल घटिया है बल्कि खतरनाक भी है। इसके कारण रोड पर लगातार एक्सीडेंट हो रहे हैं। अब तक 50 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई लेवल इन्वेस्टिगेशन का आर्डर जारी किया है।
पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर को इन्वेस्टिगेशन के दौरान इस बात का पता लगाना है कि रोड पर ट्रेफिक इंजीनियरिंग का ध्यान रखा गया या नहीं। ट्रेफिक इंजीनियरिंग की गड़बड़ी के कारण रोड एक्सीडेंट होते हैं। सड़कों पर अंधे मोड़, ट्रेफिक इंजीनियरिंग की गड़बड़ी का उदाहरण होते हैं। सनद रहे कि एक्सीडेंट के मामलों में पुलिस हमेशा वाहन चालकों की गलती निर्धारित करती है। ट्रेफिक इंजीनियरिंग की गड़बड़ी पकड़ने वाली जागरूकता मध्यप्रदेश में ज्यादातर दिखाई नहीं देती। ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.